भारत में अनेक लोग विभिन्न वेबसाइट्स, ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्मों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से अपनी व्यक्तिगत या व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यकतानुसार EMI (किस्त) पर उत्पाद/सेवाएं खरीदते हैं. किस्त भुगतान की अनुमानित तिथि के अनुसार खरीद विक्री पर सौदों को सुविधाजनक बनाती है। यह लेन-देन की अद्वितीय व्यवस्था है जिसमें उत्पाद/सेवा की मूल कीमत को विशेष ब्याज के साथ बाँटकर कई तारीखों पर या उससे अधिक किस्तों में वितरित किया गया होता है।
किस्त प्रणाली का मतलब
किस्त प्रणाली का मतलब है कि आप उत्पाद या सेवा की पूरी कीमत को एक ही बार में नहीं देने के बजाय उसे अलग-अलग महीनों या अवधियों में भुगतान कर सकते हैं। यह खरीददार को बजार से उत्पाद/सेवा को एक बार में नहीं खरीदने की स्वतंत्रता प्रदान करता है जिससे उसके वित्तीय दबाव को कम किया जा सकता है।
अहमता
किस्त प्रणाली का आविष्कार किस्त को लेने वाले व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। व्यक्ति उस समय में एक मामूली रकम के लिए उत्पाद या सेवा का आनंद ले सकता है, जो कि उसे एक ही बार में पूरी कीमत चुकाने की जरूरत नहीं है। किस्त उसकी वित्तीय स्थिति को ज्यादा दबाव में नहीं डालती बल्कि सामान्य व्यवस्थाओं में सुधार करने में मदद करती है।
किस्त कब आती है
किस्त आमतौर पर मासिक, तिमाही या वार्षिक आधार पर भुगतान होती है। यह आपके खरीददारी आवश्यकताओं और उत्पाद/सेवा के मूल्य पर निर्भर करता है। कई बैंक और वित्तीय संस्थान आपको अपनी पसंद के हिसाब से आवश्यक समय माप्दंड चुनने का विकल्प भी देते हैं।
विभिन्न प्रकार की किस्तें
- मासिक किस्तें: इसमें आपको मासिक आधार पर भुगतान करना होता है।
- तिमाही किस्तें: इसमें आपको तिमाही आधार पर भुगतान करना होता है।
- वार्षिक किस्तें: इसमें आपको वार्षिक आधार पर भुगतान करना होता है।
किस्त के फायदे
- वित्तीय प्रबंधन: किस्त वित्तीय प्रबंधन के लिए एक अच्छा उपाय है जिससे आप अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
- अवसरों का उपयोग: किस्त आपको बड़े और छोटे खरीदारी करने की स्वतंत्रता देती है जिससे आप उपयुक्त राशि में भुगतान कर सकते हैं।
- वस्त्रुगतिकता: किस्त की सुविधा आपको उचित समय पर उत्पाद/सेवा प्राप्त करने में मदद करती है जिससे आपकी वस्त्रुगतिकता बनी रह सकती है।
किस्त के नुकसान
- अधिक ब्याज की दरें: कई बार किस्त देने पर रुकावट के लिए अधिक ब्याज की दरें लागू की जाती हैं जो आपको अधिक रूपये का भुगतान करना पड़ सकता है।
- कर्ज का वृद्धि: किस्त देने से आपका कर्ज वृद्धि हो सकता है और आपको वित्तीय दबाव में डाल सकता है।
- उत्पाद सामान्य से महंगा: किस्त समेत की कीमत उत्पाद की वास्तविक कीमत से ज्यादा हो सकती है।
किस्त कब आती है – विकल्प की व्याख्या
किस्त पर विचार करते समय आपको कई विकल्प मिल सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. ई-किस्त: आप ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से अपनी किस्त कर सकते हैं।
2. बैंक किस्त: बैंकों द्वारा प्रदान किया जाने वाला किस्त प्रणाली भी उपलब्ध है।
3. एमआई: कई वेबसाइट्स और खरीदने-बेचने के माध्यमों में आपको एमआई का विकल्प भी मिल सकता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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किस्त क्या है?
किस्त एक वित्तीय उपाय है जिसमें आप उत्पाद या सेवा की पूरी रकम को अलग-अलग महीनों या अवधियों में भुगतान करते हैं। -
किस्त क्यों लेनी चाहिए?
किस्त कई बार आपकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद कर सकती है और बड़ी रकम के लेन-देन को आसान बना सकती है। -
किस्त कितने प्रकार की होती हैं?
मासिक, तिमाही और वार्षिक किस्तें सबसे आम हैं, लेकिन कई अन्य प्रकार की किस्तें भी हो सकती हैं। -
किस्त के फायदे क्या हैं?
किस्त वित्तीय प्रबंधन में मदद करती है, वस्त्रुगतिकता उपलब्ध कराती है और अपनी आर्थिक स्थिति को नियंत्रित करने में सहायक होती है। -
किस्त के नुकसान क्या हैं?
किस्त देने पर अधिक ब्याज की दरें लागू हो सकती हैं, कर्ज बढ़ सकता है और उत्पाद की कीमत महंगी हो सकती है।
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